जपित्वा मन्त्रराजं तु ध्यात्वा श्री बगलामुखीम्॥ १९ ॥ माहेशी दक्षिणे पातु चामुण्डा राक्षसेऽवतु। रक्षां करोतु सर्वत्र गृहेऽरण्ये सदा मम॥ ५ ॥ उन्नीस सौ पिचानबे सन् की, श्रावण शुक्ला मास। इनकी आराधना करने से तमाम बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। बगलामुखी देवी का चालीसा पाठ करने से किसी भी तरह https://www.instagram.com/tantramantraaurvigyaan/reel/DA6ACEaONEJ/
How Much You Need To Expect You'll Pay For A Good Baglamukhi
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